नई दिल्ली: किसान आंदोलन के मामले में कनाडा की ओर से आए बयानों पर आपत्ति जताते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने वहां के उच्चायुक्त को समन भेजा है। साथ ही वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा किसानों के जारी आंदोलन पर दिए गए बयानों पर आपत्ति जताई है। कनाडा को फटकार लगाते हुए मंत्रालय ने कहा, 'हमारे आंतरिक मामलों में दखलंदाजी स्वीकार नहीं। यदि आगे भी इस तरह की गतिविधियां होती रहीं तो दोनों देशों के बीच संबंध को क्षति होगी।' विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि इस तरह के बयानों से चरमपंथी समूहों को प्रोत्साहन मिला है और वे कनाडा स्थित हमारे उच्चायोग व कंसुलेट तक पहुंच सकते हैं जो हमारी सुरक्षा के लिए चुनौती है।
बता दें कि जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसानों के आंदोलन को लेकर चिंता जाहिर की थी उस वक्त भी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने उन्हें कड़ी नसीहत दी थी और कहा था कि वो भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश नहीं करें। दरअसल, ट्रूडो ने गुरुनानक देव के 551वें प्रकाश पर्व पर एक ऑनलाइन इवेंट के दौरान कहा कि वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं। भारत में किसानों के आंदोलन सेे हालात चिंताजनक हो गई है। उन्होंने कहा, 'भारत से किसानों के आंदोलन के बारे में खबर आ रही है। स्थिति चिंताजनक है और सच्चाई यह है कि आप भी अपने दोस्तों और परिवारों को लेकर फिक्रमंद हैं। मैं याद दिलाना चाहता हूं कि कनाडा ने हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन किया।'
ट्रूडो के इस बयान पर शिवसेना समेत भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने सवाल उठाया था। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के बयान को खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम कनाडाई पीएम का बयान खारिज करते हैं। यह गलत जानकारी पर आधारित और गैरजरूरी है। सियासत के लिए कूटनीतिक बयानों का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए।'
भोपाल: मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा कोरोना वैक्सीन ट्रायल का वॉलेंटियर बनना चाहते थे, मगर उनकी यह इच्छा पूरी नहीं होगी, क्योंकि वे वॉलेंटियर बनने के लिए तय किए गए दिशा निर्देशों को पूरा नहीं करते। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव हुए थे। गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने गुरुवार को कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलेंटियर बनने को इच्छा जताई थी। शुक्रवार को उन्होंने बताया है कि, "पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.अनिल दीक्षित ने बताया कि आईसीएमआर की गाइडलाइन अनुसार मुझे वॉलेंटियर के रूप में वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती। एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के मुताबिक वॉलेंटियर के किसी निकट परिजन को कोविड-19 नहीं होना चाहिए। जबकि मेरी धर्मपत्नी, पुत्र कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं।"
गृहमंत्री मिश्रा ने आगे कहा कि, "बहुत इच्छा थी कि कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में वॉलेंटियर बनूं और इसके माध्यम से समाज के लिए कुछ करूं। वैक्सीन ट्रायल के लिए आईसीएमआर के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में फिट नहीं बैठ सका, इसकी मन में बहुत पीड़ा है।"
ज्ञात हो कि राज्य में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल राजधानी में चल रहा है। वर्तमान में यह ट्रायल पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में हो रहा है। इसके अलावा गांधी मेडिकल कॉलेज में भी इसकी तैयारी है। इसी बीच यह बात सामने आई कि ट्रायल के लिए वॉलेंटियर नहीं मिल रहे हैं। इसी के चलते गृहमंत्री ने खुद वॉलेंटियर बनने की इच्छा जताई थी।
--आईएएनएस
एसएनपी/एएनएम
पटना: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार में गांव-गांव से चंदा इकट्ठा करने के फैसले पर अब राजनीति शुरू हो गई है। वैसे, भाजपा ने कहा कि ट्रस्ट और श्रद्धालुओं के बीच वह सेतु का काम करेगी। इस बीच, यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा इसके बहाने गांवों में अपने आधार को और मजबूत करने में जुटी है। बिहार भाजपा की दो दिन पहले हुए एक बैठक में फैसला हुआ है कि पार्टी अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाएगी, जिसे बाद में राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा।
भाजपा के प्रवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि भाजपा श्रद्धालुओं तथा दानकर्ताओं और राम मंदिर ट्रस्ट के बीच सेतु का काम करेगी।
पार्टी के छोटे-बड़े सभी नेता राम मंदिर निर्माण में अपनी ओर से राशि देकर सहयोग करेंगे। साथ ही अपने-अपने इलाके में लोगों से भी जनसहयोग लेंगे। पार्टी की निचली इकाई यानी बूथ व मंडल स्तर के नेता-कार्यकर्ता लोगों से इस काम के लिए राशि मांगेंगे।
सिंह ने बताया कि भगवान राम आस्था और स्वभिमान के प्रतीक हैं। राम की कल्पना को चरितार्थ कर लोग उनके आदशरें पर चलने की कोशिश करते है। उन्होंने कहा कि अगर कोई स्वेच्छा से अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दान देना चाहता है तो उसे लेकर ट्रस्ट तक पहुंचा देने में क्या बुराई है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर जनभावना का प्रतीक है। तमाम बाधाओं के बाद राममंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है।
इधर, राजद के प्रवक्ता भाजपा के इस फैसले पर कटाक्ष कर रही है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि भगवान राम सभी के आराध्य हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा राम के नाम पर हमेशा राजनीति करती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा बेरोजगारी दूर करने की बात नहीं करती, रोजगार निर्माण कब होगा इसकी बात नहीं करती। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को पहले राम के आदशरें का पालन करना चाहिए।
इधर, कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर भाजपा गांवों में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है, जिस कारण इसी बहाने वह पंचायतों के घर-घर तक पहुंचने के प्रयास में जुटी हैं।
--आईएएनएस
एमएनपी-एसकेपी
ढाका: मार्च 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा बेरहमी से मार दिए गए शहीद मधुसूदन डे की ढाका यूनिवर्सिटी (डीयू) कैम्पस में लगी प्रतिमा को अज्ञात बदमाशों ने आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया।
यह घटना बुधवार रात को हुई।
मधुसूदन डे के सबसे छोटे पुत्र और मधुर कैंटीन के वर्तमान संचालक अरुण कुमार डे ने कहा, "मैं कैंटीन के अंदर व्यस्त था। शाम को लगभग 7.45 बजे, मेरे एक कर्मचारी ने अचानक प्रतिमा को पहुंचे आंशिक नुकसान को नोटिस किया और मुझे इसके बारे में बताया।"
उन्होंने कहा, "मैंने तुरंत मामले की सूचना ढाका यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर और शाहबाग पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को दी। उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और इसे ठीक करने का उपाय किया।"
डीयू परिसर में उनके (मधूसूदन) नाम वाले प्रतिष्ठित कैफेटेरिया के सामने लगी प्रतिमा के बाएं कान को टूटा हुआ पाया गया और आधी रात को इसकी मरम्मत की गई।
मधुसूदन डे, जिन्हें प्यार से 'मधु दा' कहा जाता था, एक कैफेटेरिया संचालक से कहीं बढ़कर थे।
उन्होंने सभी प्रगतिशील दिमाग वाले लोगों और उनके विचारों और सपनों को बढ़ावा देने के लिए अपनी कैंटीन के दरवाजे हमेशा खुले रखे थे।
पाकिस्तान के दौर में, हर राजनीतिक आंदोलन से पहले, छात्र नेता और कार्यकर्ता ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में स्थित उनकी कैंटीन में इकट्ठा होते थे और वहां से आंदोलन संबंधी गतिविधि को अंजाम देते थे।
उन्हें इसके लिए कीमत चुकानी पड़ी। 25 मार्च 1971 की रात को सेना की कार्रवाई के बाद, मधुसूदन डे को उनकी पत्नी, बड़े बेटे और बहू के साथ हत्या कर दी गई।
बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद, कैंटीन का औपचारिक रूप से नाम बदलकर मधु की कैंटीन कर दिया गया।
घटना के बारे में पूछे जाने पर, डीयू प्रॉक्टर प्रोफेसर एकेएम गोलम रब्बानी ने कहा, "यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि प्रतिमा को जानबूझकर या अनजाने में नुकसान पहुंचाया गया। संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है।"
मधुसूदन डे के योगदान और स्मृति के सम्मान में, 18 अप्रैल, 1995 को प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब जमात-ए-इस्लाम और हिफाजत-ए-इस्लाम समर्थित कट्टरपंथियों के नेता मामूनुर और बाबूनगरी ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को बुरिगंगा नदी में फेंकने की धमकी दी है।
उन्होंने घोषणा की है कि 'प्रतिमाएं शरिया के खिलाफ हैं और वे देश भर में लगी मूर्तियों को गिरा देंगे।
--आईएएनएस
वीएवी-एसकेपी
श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में शुक्रवार को जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में संदिग्ध आतंकवादियों ने एक उम्मीदवार को गोली मार कर घायल कर दिया। 'अपनी पार्टी' के उम्मीदवार अनीस उल इस्लाम को गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस्लाम हाल ही में 'अपनी पार्टी' में शामिल हुए था और सगाम कोकरनाग से चुनाव लड़ रहे थे।
यह हमला शुक्रवार को उस समय हुआ जब जम्मू-कश्मीर में डीडीसी के तीसरे चरण का चुनाव चल रहा है।
--आईएएनएस
एसकेपी
हैदराबाद: तेलंगाना में कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। राज्य में कोरोनावायरस के पिछले 24 घंटों में 631 नए मामलों के साथ अब यहां कुल मामले 2,72,123 हो गए हैं। जबकि इसी दौरान 802 लोग इस बीमारी से उबर कर अस्पतालों से घर गए। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। इसी दौरान यहां इस वायरस से दो और मौतें हुई, जिसके बाद मौतों का आंकड़ा 1,467 हो गया। यहां मृत्यु दर 0.53 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 1.5 प्रतिशत है।
राज्य में कई दिनों से नए संक्रमण से ज्यादा रिकवरी हो रही है। रिकवरी रेट बढ़कर 96.21 प्रतिशत हो गई है। रिकवर होने वालों की कुल संख्या 2,61,830 है।
ग्रेटर हैदराबाद में अभी भी सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। यहां एक दिन में 109 मामले सामने आए।
अधिकारियों ने कहा कि यहां एक दिन में 57,405.नमूनों की जांच की गई।
--आईएएनएस
एसकेपी
नई दिल्ली: दिल्ली में एक 38 वर्षीय नशे के आदि व्यक्ति को ड्रग्स खरीदने के लिए पैसे देने से इनकार करने पर मां को लोहे के मूसल से पीटकर गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का नाम प्रवीण है। घटना की जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी। प्रवीण कुछ दिनों पहले ही नशामुक्ति केंद्र से लौटा था।
दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर पुलिस स्टेशन में बुधवार को फोन के माध्यम से घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और टीम ने बेहोश महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। उसके सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान थे।
दक्षिण दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर ने कहा, "जैसा कि महिला पुलिस को बयान देने की हालत में नहीं थी और अपराध के लिए कोई और चश्मदीद गवाह नहीं था, हमने हत्या का मामला दर्ज किया और प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया।"
--आईएएनएस
एमएनएस-एसकेपी
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम में शुक्रवार को फिर लगातार तीसरे दिन बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में भी लगातार तीसरे दिन तेजी का सिलसिला जारी है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव 50 डॉलर प्रति बैरल के करीब चला गया है। तेल विपणन कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल के दाम में दिल्ली में 20 पैसे, कोलकाता और मुंबई में 19 पैस जबकि चेन्नई में 17 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की। वहीं, डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 23 पैसे प्रति लीटर जबकि मुंबई में 24 पैसे और चेन्नई में 21 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बढ़कर क्रमश: 82.86 रुपये, 84.37 रुपये, 89.52 रुपये और 85.76 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
चारों महानगरों में डीजल के दाम भी बढ़कर क्रमश: 73.07 रुपये, 76.64 रुपये, 79.66 रुपये और 78.45 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
इस महीने दिसंबर में लगातार तीन दिनों की वृद्धि के बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का भाव 52 पैसे प्रति लीटर बढ़ गया है जबकि डीजल के दाम में 65 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के फरवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध में शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 1.72 फीसदी की तेजी के साथ 49.55 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, इससे पहले भाव 49.77 डॉलर प्रति बैरल पर चला गया था जोकि मार्च के बाद का सबसे उंचा स्तर है। पिछले महीने भी ब्रेंट का भाव 49.09 डॉलर प्रति बैरल तक चढ़ा था।
जबकि न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 1.53 फीसदी की तेजी के साथ 46.34 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
--आईएएनएस
पीएमजे-एसकेपी
मुंबई: गायक मीका सिंह अभिनेत्री कंगना रनौत से खासे नाराज हैं। दरअसल कंगना ने किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई एक सिख बुजुर्ग महिला को शाहीन बाग वाली बिलकिस बानो समझ लिया, जिसके बाद मीका ने अभिनेत्री को निशाने पर लिया है। मीका ने ट्वीट किया, "मैं कंगना का बहुत सम्मान करता था, यहां तक कि जब उनके कार्यालय को तोड़ा गया था तो मैंने उनके समर्थन में ट्वीट भी किया था। अब मुझे लगता है कि मैं गलत था। कंगना, एक महिला होने के नाते आपको बुजुर्ग महिला के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए था। अगर आपमें शिष्टाचार है तो फिर माफी मांगिए। अपको शर्म आनी चाहिए।"
गुरुवार शाम को मीका का ट्वीट कंगना के एक ट्वीट के जवाब में आया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 'शाहीन बाग वाली दादी' राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन में शामिल हुईं।
उन्होंने बिलकिस बानो सहित दो बुजुर्ग महिलाओं की तस्वीरों वाले पोस्ट को रीट्वीट किया था, और लिखा था कि टाइम मैगजीन में छपी यह दादी 100 रुपये लेकर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उपलब्ध है।
इससे पहले, कंगना की गायक व अभिनेता दिलजीत दोसांझ के साथ भी इस मुद्दे पर ट्विटर पर तीखी बहस हुई थी।
--आईएएनएस
वीएवी-एसकेपी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में 'मेड इन इंडिया' कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वैक्सीन तैयार होगी। वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलते ही देश में टीकाकरण अभियान शुरू होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के नेताओं की कोरोना वैक्सीन को लेकर सभी जिज्ञासाओं का समाधान किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, बसपा से सतीश मिश्रा, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव सहित कई पार्टियों के विपक्ष के नेता इस वर्चुअल सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कुछ दिन पहले 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन बनाने का प्रयास कर रहीं वैज्ञानिक टीमों से मेरी बातचीत हुई थी। भारत के वैज्ञानिक अपनी सफलता को लेकर बहुत ही आश्वस्त हैं। अभी अन्य देशों की कई वैक्सीनों के नाम बाजार में सुन रहे हैं। फिर भी दुनिया की नजर कम कीमत वाली सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है। स्वाभाविक है कि पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है। अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद जाकर मैने यह भी देखा है कि वैक्सीन मैन्युफैक्च रिंग को लेकर देश की तैयारियां कैसी है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि करीब आठ संभावित वैक्सीन भारत में अलग-अलग चरण में हैं। जिनकी मैन्युफैक्च रिंग भारत में होनी है। भारत की अपनी तीन अलग-अलग वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है। एक्सपर्ट मानकर चल रहे हैं कि ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगले कुछ हफ्तों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी। जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी, भारत मे टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि पहले चरण में किसे वैक्सीन लगेगी, इसे लेकर राज्य सरकारों से मिले सुझावों के आधार पर केंद्र सरकार काम कर रही है। कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और पहले से बीमारी से जूझ रहे बुजुर्ग लोगों को सर्वप्रथम वैक्सीन दी जाएगी। वैक्सीन की वितरण व्यवस्था के लिए केंद्र और राज्य की टीमें मिलकर काम कर रहीं हैं।
--आईएएनएस
एनएनएम-एसकेपी
लखनऊ: संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) ने पूरे देश में एक ही दिन में कोविड-19 के सबसे अधिक आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने का दावा किया है। एसजीपीजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में तकनीशियनों और विशेषज्ञों की टीम ने बुधवार को 7,748 टेस्ट किए।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर उजाला घोषाल ने एक बयान में कहा, "हमारी लैब एक मिनट के लिए भी बंद नहीं हुई है। कोविड-19 केस रिपोटिर्ंग पोर्टल के माध्यम से हमें पता चला कि हमारे केंद्र ने दिन में सबसे अधिक नमूनों का टेस्ट किया, जो हमारी 70-सदस्यीय टीम के लिए एक अत्यधिक प्रेरक उपलब्धि है।"
एसजीपीजीआई ने मार्च में कोविड-19 परीक्षण आयोजित करना शुरू किया था।
घोषाल ने कहा, "वरिष्ठ शोध सहयोगी (एसआरएफ) अंकिता पांडेय ने परीक्षण शुरू करने के बाद ही शादी कर ली थी। बावजूद इसके उन्होंने एक भी दिन छुट्टी नहीं ली, करवा चौथ पर भी नहीं।"
घोषाल ने बायो-सेफ्टी अधिकारी धरमवीर सिंह, डेटा सुपरवाइजर निकी, लॉजिस्टिक्स मैनेजर निखिल और एसआरएफ हेमंत को भी श्रेय दिया, उन्होंने कहा कि वे सराहनीय धैर्य दिखाते हैं और लैब उनके समर्थन के बिना चौबीसों घंटे काम नहीं कर सकता है।
इसके अलावा, एसजीपीजीआईएमएस ने अब तक 6 लाख कोविड-19 टेस्टों का भी सामना किया है।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ने सितंबर में 5 लाख से अधिक परीक्षण पूरे किए थे।
--आईएएनएस
एमएनएस-एसकेपी
नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण रोकने में लापरवाही होता देख केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। जिस पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दिल्ली सरकार से नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। कहा है कि सीपीसीबी की नोटिस पर दिल्ली सरकार को हरकत में आना चाहिए जिससे दिल्ली की आबोहवा ठीक हो सके। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बहुत गंभीर है। पराली जलना बंद हो गया। फिर भी दिल्ली के हालात बहुत खराब हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 50 टीमें एनसीआर में जगह-जगह जाकर प्रदूषण की निगरानी करतीं हैं। वहां जो शिकायत मिलती है, उसे संबंधित एजेंसियों को देती है। लेकिन कुछ काम होता है कुछ नहीं होता है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि सीपीसीबी ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। दिल्ली में खुले में जो कचरा जलाया जाता है, कचरे का सही से निस्तारण नहीं होता। निर्माण कार्यों से जुड़े नियमों का पालन नहीं होता। दिल्ली में कई जगह रोड न बनने से धूल की समस्या है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन शिकायतों को दिल्ली सरकार को भेजा है। सीपीसीबी की नोटिस पर अब दिल्ली सरकार को हरकत में आना चाहिए। क्योंकि पराली का जलना सिर्फ 60 से 62 दिन होता है। बाकी समय के प्रदूषण से एनसीआर को ही निपटना है।
--आईएएनएस
एनएनएम-एसकेपी
चंडीगढ़: केंद्र सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही और इसके साथ ही हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच राजनीतिक खाई चौड़ी होती जा रही है।
अब, मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सिर्फ एक साल की पुरानी सरकार में विवाद का मुद्दा किसानों के खिलाफ हिंसा, बैरिकेड्स तोड़ने और सरकारी कर्मचारियों के कर्तव्य निर्वहन में व्यवधान पैदा करने के सैकड़ों मामले दर्ज करने को लेकर है।
जेजेपी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चुप्पी बनाए हुए हैं, उनके फायरब्रांड छोटे भाई दिग्विजय चौटाला सरकार को लगभग हर दिन आड़े हाथों ले रहे हैं।
उन्होंने मांग की है कि किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाना चाहिए।
दिग्विजय चौटाला ने गुरुवार को मीडिया से कहा, "हम मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से बात करेंगे कि वे किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेने के लिए कहें ताकि स्थिति खराब न हो और किसी भी तरह का अविश्वास पैदा न हो।"
उन्होंने कहा, "शांतिपूर्वक विरोध करना किसानों का मौलिक अधिकार है।"
जेजेपी की युवा शाखा के प्रमुख दिग्विजय ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता सरकार के साथ किसानों की बैठक के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी बैठक के बाद अपने भविष्य के कदम पर चर्चा करेगी।
जेजेपी मुख्य रूप से एक ग्रामीण जाट केंद्रित पार्टी है, जिसके किसान वोटबैंक हैं। जाट, जो एक प्रमुख कृषक समुदाय है, राज्य में इसकी आबादी 28 प्रतिशत है।
प्रदर्शनकारी किसानों के साथ पहली बार खुलकर सामने आते हुए, जेजेपी के राष्ट्रीय प्रमुख और पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने 2 दिसंबर को कहा कि केंद्र को लिखित रूप में, प्रदर्शनकारी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक आश्वासन देना चाहिए।
अजय चौटाला ने मीडिया से कहा, "जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि एमएसपी जारी रहेगा, तो उस लाइन को जोड़ने में क्या हर्ज है।"
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के लिए पार्टी के भीतर जेजेपी पर दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व किसानों के साथ अब तक चार दौर की वार्ता के बाद भी तीन नए कृषि कानूनों को लेकर कड़ा रुख दिखा रहा है।
किसान 'काले' कृषि कानूनों को पूरी तरह से खत्म करने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने को तैयार है।
जेजेपी के एक पदाधिकारी ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, "पिछले नौ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर जमा हुए किसानों को बड़ी संख्या में किसान और कर्मचारी संगठनों और यहां तक कि स्थानीय लोगों का समर्थन मिलने के बीच सरकार छोड़ने की मांग जोरशोर से उठ रही है।"
उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए 130 खाप पंचायतों (सामुदायिक न्यायालयों) का निर्णय पार्टी के लिए चिंता का विषय है।
अजय चौटाला चार बार के मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे हैं।
पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि जब तक पार्टी के प्रमुख दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री हैं, वे एमएसपी को बंद नहीं होने देंगे।
पार्ची ने कहा कि अगर किसानों को एमएसपी के कारण नुकसान उठाना पड़ा, तो चौटाला अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
जेजेपी के 10 विधायकों के अलावा, सात निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा को समर्थन दिया था, जिससे वह 90 सदस्यीय विधानसभा में 57 सीटों पर पहुंच गई थी।
हालांकि, निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान पहले ही किसानों के आंदोलन के कारण राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले चुके हैं।
--आईएएनएस
वीएवी-एसकेपी
पटना: बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए बिहार के किसानों को भी आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। राजद के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शनिवार को पटना के गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठेंगे।
बिहार विधनसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानून काला कानून है और ये देश के खिलाफ है। उन्होंने बिहार के किसानों और किसान संगठनों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान, आने वाली पीढ़ियों और भविष्य को देखते हुए वे इस कानून के विरोध में सड़कों पर आएं और आंदोलन को मजबूत करें।
उन्होंने कहा, ''पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों में आक्रोश है। यह वही सरकार है जो किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करनी की बात करती है। लेकिन एमएसपी को खत्म कर रही है। कृषि को भी प्राइवेट हाथ को सौंप रही है, जिससे प्राइवेट कंपनियों से किसान खरीद बिक्री करेंगे।''
उन्होंने कृषि कानूनों को किसान विरोधी कानून बताते हुए कहा कि किसानों को सही मूल्य मिलना चाहिए। कई जगहों पर कर्ज में डूबने से किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जो अन्नदाता हैं उनके लिए इस तरह का कानून बनाना देश के खिलाफ है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी समस्या सामने है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौन हैंै। कोई भी फैसला जनता का होना चाहिए ना कि किसी व्यक्ति का। उन्होंने कहा कि कृषि कानून बनाने के पहले किसानों से राय नहीं ली गई और अब उन्हें गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर एमएसपी समाप्त नहीं होना है, तो सरकार लिखकर क्यों नहीं दे रही है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर कृषि कानून के इतने ही फायदे हैं तो देश भर में किसान इसके खिलाफ क्यों है, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी अकाली दल ने किनारा क्यों किया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी और अभिनेता भी किसान के समर्थन में आगे आएं हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कृषि रोड मैप की बात करते हैं लेकिन धान के एमएसपी की बात नहीं करते। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में अब तक किसी जिले में धान की खरीदी प्रारंभ नहीं की गई है।
बिहार में जहां मंडियों का सवाल है वह 2006 में ही बंद कर दिया गया। हालत ये हो गई है कि बिहार के किसान खेती छोड़ मजदूरी करने लगे हैं। जब मंडी खत्म हो गई तो किसान कमजोर होते गए।
--आईएएनएस
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दुनिया | 28-11-2020