सैयद लियाकत शाह को नेपाल से भारतीय सीमा में दाखिल होते समय गिरफ्तार किया गया। वह जम्मू एवं कश्मीर सरकार की पुनर्वास नीति के तहत समर्पण करने के लिए भारत आ रहा था। उसकी दूसरी पत्नी ने अपने पति के पैतृक घर पहुंचने के बाद पत्रकारों से शनिवार को यह बात कही।
लियकात की दूसरी पत्नी 47 वर्षीय अख्तर-उल-निशा हैं। वे अपने पति के पैतृक घर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में दर्दपोरा पहुंच चुकी हैं। लियाकत ने उससे पाकिस्तान में शादी की थी।
अख्तर-उल-निशा के साथ उसके पहले पति से पैदा हुई मूक व बधिर बेटी 14 वर्षीय जबीना भी थी।
अख्तर-उल-निशा ने पत्रकारों को बताया कि वह अपने पति और बेटी के साथ पाकिस्तान से नेपाल आई। उनके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट था।
उसने कहा, "लियाकत के परिवार ने राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत लियाकत के समर्पण की अर्जी दी थी। अधिकारियों ने इसे मंजूर कर लिया था। लियाकत अधिकारियों के समक्ष समर्पण करने ही आ रहा था।"
उसने बताया, "हमें भारत-नेपाल सीमा के नजदीक गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने हमारी पहचान पत्र की मांग की। हमलोगों ने बताया कि हमारे पास पहचान पत्र नहीं, पाकिस्तानी पासपोर्ट है। उनलोगों ने हमारी एक नहीं सुनी और लियाकत को गिरफ्तार कर लिया। हमने अधिकारियों से साफ कहा कि पुनर्वास नीति के तहत कश्मीर के अधिकारियों ने लियाकत की लौटने की अनुमति दे दी है।"
उसने यह भी कहा कि लियाकत को दिल्ली पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली के एक होटल के कमरे से हथियार बरामद होने का सवाल ही नहीं पैदा होता, जैसा कि मीडिया में खबर आई है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने लगभग दो वर्षो से पूर्व में आतंकवादी रह चुके लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुनर्वास नीति शुरू की है। अभी तक 50 लोग इसका लाभ उठा चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।