श्रीनगर, 26 मार्च (आईएएनएस)| लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध आतंकवादी सैयद लियाकत शाह की दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद जम्मू एवं कश्मीर सरकार की पुनर्वास नीति के तहत पाकिस्तान से घर वापसी करने वाले 35 से अधिक आतंकवादियों के परिजनों ने मंगलवार को केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि इस नीति के तहत राज्य सरकार ने जो वादे किए हैं, वे पूरे नहीं किए जा रहे हैं। प्रशासन ने इस नीति के नाम पर उनके साथ 'धोखा' किया है।
आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादी सैफुल्लाह फारूक ने कहा, "लियाकत की गिरफ्तारी के बाद मैं अपने भविष्य को लेकर भी अनिश्चित हूं। हो सकता है कि मैं दिल्ली जाऊं तो मुझे भी लश्कर या किसी अन्य आतंकवादी संगठन का सदस्य बताकर गिरफ्तार कर लिया जाए।"
पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद की दिलशादा अपने पति के साथ यहां आई। लेकिन उसका कहना है कि अब वह अपने पांच बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है। यहां किसी ने उसकी सहायता नहीं की।
वहीं, इस्लामाबाद की जेबा का कहना है कि राज्य सरकार ने पुनर्वास नीति के तहत हरसंभव सहायता मुहैया कराने के लिए कहा था। यदि वह ऐसा नहीं कर सकती तो उन्हें वापस भेज दिया जाना चाहिए।
आत्मसमर्पण करने वाले अधिकांश आतंकवादी अपने परिवारों के साथ नेपाल के रास्ते भारत आए, क्योंकि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने उन्हें यात्रा कागजात मुहैया कराने में असमर्थता जताई।
आत्मसमर्पण करने वाले अधिकांश आतंकवादियों की पत्नियां पाकिस्तान की हैं, जिन्हें पाकिस्तान या अन्य स्थानों की यात्रा के लिए कागजात नहीं मिल पा रहे हैं।
उनका कहना है कि जम्मू एवं कश्मीर की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें किसी भी रास्ते भारत आने के लिए कहा गया और यहां हर संभव सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया गया। लेकिन यहां आने के बाद उन्हें किसी तरह की सहायता नहीं मिल रही है।
गौरतलब है कि लियाकत को गिरफ्तार करने वाली दिल्ली पुलिस ने जहां उसे राष्ट्रीय राजधानी में आतंकवादी हमले की साजिश करने वाला हिज्ब-उल-मुजाहिदीन का आतंकवादी बताया है, वहीं जम्मू एवं कश्मीर पुलिस का कहना है कि वह राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत पाकिस्तान से आत्मसमर्पण करने आ रहा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।